1770: राजामौली की आने फिल्म “आनंदमठ” के लिए पप्‍पा ने लिखी बाहुबली से भी फाड़ू स्‍क्र‍िप्‍ट! संन्‍यासियों की कहानी तोड़ेगी रिकॉर्ड

इस समय सोशल मीडिया पर एक फिल्म की खूब चर्चा हो रही है, जिसका नाम 1770 है। अभी फिल्म की सिर्फ अनाउंसमेंट ही हुई है और यह शुरुआती स्टेज में हैं, लेकिन इसे लेकर जबरदस्त क्रेज दिख रहा है। जब से फिल्म का मोशन पोस्टर रिलीज किया गया है, सोशल मीडिया पर इसकी खूब तारीफ हो रही है। लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि यह फिल्म जब आएगी तो सिनेमाघरों में भूचाल ला देगी। दरअसल 1770 को एसएस राजामौली के असिस्टेंट रह चुके अश्विन गंगाराजू डायरेक्ट कर रहे हैं। अश्विन गंगाराजू ने एसएस राजामौली को Eega और ‘बाहुबली’ जैसी बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में असिस्ट किया था। इसके अलावा 1770 के साथ राजामौली के पिता और मशहूर राइटर वी विजयेंद्र प्रसाद का नाम भी जुड़ा हुआ है।

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राजामौली के पिता वी विजयेंद्र लिख रहे कहानी: Vijayendra Prasad 1770 की कहानी लिख रहे हैं। वह इससे पहले वह ‘बाहुबली-द बिगनिंग’ और ‘बाहुबली- द कन्क्लूजन’ के अलावा RRR का भी स्क्रीनप्ले लिख चुके हैं। वी विजयेंद्र प्रसाद ने सिर्फ साउथ की फिल्मों की कहानी ही नहीं बल्कि बॉलीवुड की भी कई हिट फिल्मों की कहानी लिखी है। उन्होंने एक तरफ Salman Khan की ‘बजरंगी भाईजान’ लिखी तो वहीं दूसरी ओर Akshay Kumar की ‘राउडी राठौर’ और कंगना रनौत की ‘थलाइवी’ व ‘मणिकर्णिका’ जैसी फिल्मों की कहानी भी लिखी। 

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1770 की कहानी? अकाल, संन्यासियों का विद्रोह और ‘वंदेमातरम’:  माना जाता है कि वी विजयेंद्र प्रसाद जिस भी फिल्म को हाथ लगा दें, वह सुपरहिट हो जाती है। कुछ ऐसा ही मामला फिल्म 1770 के केस में माना जा रहा है। अभी तक फिल्म के बारे में ज्यादा डीटेल सामने नहीं आई, लेकिन लोगों ने इसके साथ राजामौली और उनके पिता वी विजयेंद्र प्रसाद का नाम जुड़े होने से पहले ही हिट मान लिया है। 1770 फिल्म की कहानी मशहूर बंगाली राइटर बंकिम चंद्र चटर्जी की किताब ‘आनंदमठ’ पर आधारित है। बंकिम चंद्र चटर्जी ने ही देश के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की रचना की थी। वह गीत ‘आनंदमठ’ से ही लिया गया था। 1770 की पहली झलक में पोस्टर पर लिखा भी है- celebrating 150 years of Vande Matram. इसी को देखने के बाद से हर किसी के मन में यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर आनंदमठ है क्या? फिल्म में आनंदमठ की कहानी को कैसे दिखाया जाएगा ?

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क्या था संन्यासी विद्रोह?:  बंकिम चंद्र चटर्जी का बंगाली उपन्यास ‘आनंदमठ’ 1882 में प्रकाशित हुआ था। इसकी कहानी 1770 में बंगाल में पड़े भीषण अकाल और संन्यासी विद्रोह पर आधारित थी। 18वीं सदी में यानी 1700 से 1800ई के बीच जब अंग्रेजों का राज था तो उस समय देश के कुछ हिस्सों में सन्यासियों और फकीरों ने भीषण आंदोलन किए थे। ज्यादातर आंदोलन बंगाल में हुए थे। उस समय वहां भीषण अकाल पड़ा था और इस वजह से संन्यासी और फकीर वहां घूम-घूमकर अमीरों और बड़े सरकारी अफसरों के घरों को लूट लेते थे। बाद में संन्यासी दल ने सरकारी दफ्तरों को भी लूटना शुरू कर दिया। कई बार ये दल गरीब लोगों की भी मदद कर दिया करते थे। बाद में इन सन्यासियों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। बंकिम चंद्र का उपन्यास ‘आनंदमठ’ इसी पर आधारित था, जो उस समय राजनीतिक उपन्यास बन गया था। इसने तब हर देशवासी को प्रभावित किया था।

फिल्म 1770 में इसी फकीरों और सन्यासियों के इसी विदोह्र और भीषण अकाल की कहानी दिखाई जाएगी। किताब में बताया गया है कि उस समय विद्रोह में हिंदू और मुसलमान शामिल थे। संन्यासी के विद्रोह और आनंदमठ पर बॉलीवुड में पहले ही फिल्म बन चुकी है। हेमेन गुप्ता ने 1952 में ‘आनंदमठ’ नाम से फिल्म बनाई थी। इसमें पृथ्वीराज कपूर, गीता बाली, अजित और भारत भूषण जैसे एक्टर्स थे। फिल्म में लता मंगेशकर का गाया गाना ‘वंदे मातरम’ दुनिया का दूसरा सबसे हिट गाना रहा था।

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