हम सब जानते है कि रावण इतना शक्तिशाली था कि अपनी शक्तियों से किसी को भी अपने वश में कर सकता था. अगर आपने कभी रामायण को टीवी पर देखा है तो रामायण में रावण के पैर के नीचे एक नीले रंग का शख्स लेटा हुआ नज़र आता है क्या आप सभी इस जानते हैं कि यह रावण के पैर के नीचे कौन है? आखिर क्यों रावण इसपर अपने पैर जमाए बैठा हुआ है. आज हम आपको बताएंगे कि यह शख्स कौन है और इसके पीछे का रहस्य क्या है ? हमें विश्वास है कि यह रहस्यआपके होश उड़ा देगा.
रावण बहुत ही ज्यादा अभिमानी था. यह एक राक्षस था और उसको अपनी मायावी शक्तियों का बहुत ही ज्यादा घमंड भी था. अपनी शक्तियों के बल पर यह किसी को भी अपने वश में कर सकता था. ज्योतिषियों के अनुसार रामायण में रावण के पैर के नीचे जो नीले रंग का शख्स दिखाई देता है वह और कोई नहीं बल्कि न्याय देवता शनि देव है. रामायण में शनि देव रावण के सिंहासन के ठीक नीचे पैरों की जगह रावण के पैरो में लेटे हुए नजर आते हैं. इसमें रावण शनिदेव की कमर पर पैर रखकर बैठता है. लेकिन रावण ऐसा क्यों करता है और कैसे शनि महाराज उनके पैरों के नीचे आ जाते हैं. इसके पीछे भी एक रहस्य छुपा हुआ है.
पौराणिक कथा में बताया जाता है कि रावण एक मायावी राक्षस था. उसने बहुत सारी तंत्र-मन्त्र की सिद्धियां प्राप्त की थी और इन्हीं तंत्र मंत्र विद्या ने उन्हें बहुत बड़ा विद्वान और ज्योतिषी बना दिया था. इन्हीं शक्तियों से रावण ने सारे नौ ग्रहों को अपने वश में कर लिया था और अपने पास बंदी बना के रख लिया था. ऐसा बताया जाता है कि रावण सभी ग्रहों को अपने पैरों के तले दबा कर रखा था. ऐसा करने के लिए कारण अपने पुत्रों की कुंडली में ग्रहों की स्थिति को नियंत्रित भी करना था .
तस्वीरो में जो नीले रंग की पुरुष की आकृति में जो शख्स नजर आता है वह शनिदेव है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव को एक क्रूर और शक्तिशाली ग्रह माना जाता है और ऐसा कहते हैं कि शनि देव की दृष्टि से पृथ्वी लोक पर रहने वाले प्राणी का विनाश हो जाता है लेकिन रावण इतना ताकतवर था कि उसने शनिदेव को भी अपने वश में कर लिया था क्योंकि उसने अपने पुत्रों की कुंडली बनाते समय सभी ग्रहों को अपने हिसाब से रखना चाहा लेकिन शनि देव महाराज बार-बार अपना स्थान बदल रहे थे और इस कारण उसके पुत्र बहुत ज्यादा परेशान थे इसीलिए रावण ने शनिदेव को अपने पैर के नीचे दबा लिया था.
ऐसा कहा जाता है कि जब हनुमान राम भगवान का संदेश लेकर सीता माता के पास लंका में आए तो उन्होंने लंका दहन के समय शनि देव को रावण के चंगुल से छुड़ाया था और ऐसा भी कहा जाता है कि लंका दहन के पहले रावण ने शनिदेव को कारगृह में डाल दिया था और उसके आगे एक शिवलिंग स्थापित कर दिया था जिससे कि शनि महाराज बाहर ना पाए क्योंकि उन्हें शिवलिंग पर पैर रखने का डर रहेगा लेकिन हनुमान जी ने आकर शनि देव को रावण के चंगुल से बचा लिया था.
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