दोस्तों हमारे देश के लाखों बच्चे हर साल UPSC का सपना देखते है और कई महीने से यूपीएससी की तैयारी करते है और इस आशा में रहते है की वो भी कभी न कभी आईएएस या आईपीएस बनेंगे. दोस्तों जिस परीक्षा पास करके लोग आईएएस या आईपीएस बनते है उसका नाम है यूपीएससी और यूपीएससी को देश का सबसे कड़ा एवं कठिन परीक्षा माना गया है.इस परीक्षा को पास करना सबके बस की बात नहीं होती इस परीक्षा को पास करने के लिए काफी अधिक त्याग मेहनत और परिश्रम करनी होती है. लेकिन आज के इस खबर में हम आपको एक ऐसे ही अभ्यार्थी के बारे में बताने वाले है.
दोस्तों उनके जीवं में बहुत साड़ी संकटें आई लेकिन वो उससे हारी नहीं और उसका डटकर मुकाबला की. दोस्तों हम जिसके बारे में बात कर रहे अहि उनका नाम देवयानी सिंह है और वो महज सप्ताह में सिर्फ दो दिन याने की शनिवार और रविवार छुट्टी के दिनों पर पढाई करती थी.
दोस्तों हलांकि वो लगातार तीन बार असफल हो गई. उसके बाद वो पूरी तरह टूट चुकी थी लेकिन उनके घर के लोगों ने उनका हौसला बढ़ाया. उनकी माँ ने उनके मनोबल को बुलंद किया और देवयानी को चौथे प्रयास में सफलता हाथ लगी. और उन्हें 222 रैंक मिला और वो आईएएस बनी.
पढ़ाई के दौरान माँ से छूटा साथ
पढ़ाई के दौरान ही अंकिता की मां का एक सड़क हादसे में निधन हो गया था। इस घटना ने अंकिता को गहरा धक्का दिया लेकिन उन्होंने खुद को कमजोर नहीं होने दिया। उन्होंने आईएएस अधिकारी बनकर अपनी दिवंगत मां को श्रद्धांजलि दी। इसमें उनके पिता ने उनका भरपूर साथ दिया।
2017 में दिया पहला एग्जाम
ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन में केमेस्ट्री पढ़ने वाली अंकिता जब यूपीएससी की तैयारी में जुटीं तो उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन को ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना। साल 2017 में उन्होंने पहली बार एग्जाम दिया लेकिन जब रिजल्ट आया तो उसमें उनका नाम नहीं था। इससे अंकिता की तैयारी में कोई कमी नहीं आई बल्कि वे और ज्यादा मेहनत करने लगीं। फिर साल 2018 में उन्होंने सेकेंड अटेम्प्ट की परीक्षा दी, इस बार उन्होंने न केवल देश की सबसे कठिन परीक्षा पास की बल्कि टॉपर बनकर सामने आईं।