26 वर्षीय निकहत जरीन ने बाक्सिंग में अपने हिजाब पहनने, लोगों के कपड़े पहनने के कमेन्ट पर क्या कहा, पढ़ें 

वर्ल्ड बॉक्सिंग चौम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया। निकहत का 52 किलो वर्ग कैटेगरी का यह मुकाबला तुर्की के इस्तांबुल में हुआ. उन्होंने अपने दमदार प्रदर्शन से यहां तिरंगा फहरा दिया. निकहत विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप जीतने वाली पांचवीं भारतीय हैं. उन्होंने इस जीत के बाद बॉक्सिंग में हिजाब को लेकर प्रतिक्रिया दी है। निकहत से पहले मैरी कॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा केसी ने महिला मुक्केबाजी में विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। निकहत जरीन का 52kg Square कैटेगरी का मुकाबला तुर्की के इस्तांबुल में सम्पन्न हुआ। निकहत अपने शानदार दिखाकर प्रदर्शन देश का तिरंगा फहराया। निकहत जरीन विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप जीतने वाली पांचवीं भारतीय महिला खिलाड़ी हैं।

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निकहत जरीन ने गोल्ड मेडल जीतने के बाद बीबीसी से बात करते हुए हिजाब को लेकर कहा, जब मैंने खेलना शुरू किया तब लोगों ने मेरे कपड़ों को लेकर टिप्पणी किया करते थे। लेकिन आज जब मैंने गोल्ड मेडल जीत लिया है तो वही लोग खुशी जाहिर करते हैं।

 निकहत जरीन सामाजिक मुद्दों पर भी खुलकर अपनी बात रख रहीं हैं। उन्होंने स्कूल में मुस्लिम समुदाय की लडकियों के हिजाब पहनने से जुड़े टिप्पणी पर स्टार एथलीट ने कहा कोई कुछ भी पहन रहा है वो उसकी पसंद है उसमें दूसरो को टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। अगर इंसान अपनी संस्कृति के हिसाब से कपड़े पहन रखा है तो इसमें प्रोबलम क्या? यह पूरी तरह से उसकी खुद की पसंद का विषय है। एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए निकहत जरीन ने कहा कि ये पूरी तरह से उनकी अपनी पसंद है। मैं उनकी पसंद पर कमेंट नहीं कर सकती। बल्कि किसी और को भी नहीं करनी चाहिए। मेरी भी खुद की से जीने का अधिकार है। हां ये बात जरूर है कि वो अपनी मर्यादा मे रहे। मुझे ऐसे कपड़े पहनने पसंद हैं। चैनल से बातचीत में निकहत के छोटे कपड़े और हिजाब को लेकर कहा, ‘बॉक्सिंग एक ऐसा खेल है, जहां अंतरराष्ट्रीय संगठन हिजाब पहनकर खेलने की मंजूरी दी हुई है,इसलिए इसे पहनकर बॉक्सिंग की जा सकती है। खेल में कोई धर्म नहीं होता है, क्योंकि हर खिलाड़ी का लक्ष्य विजयी होना है और अपने देश के लिए पदक जीतना होता है।

मुझे ऐसे कपड़े पहनने से कोई एतराज नहीं है और न ही मेरे परिवार वालों को। इसलिए मुझे फर्क नहीं पड़ता कि लोग मेरे बारे में क्या कहते हैं। इसके अलावा एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने बचपन में बॉक्सिंग में करियर बनाने का फैसला किया तो उनकी मां रोने लगीं। आप सोच रहे होंगे कि उनकी मां को निकहत की पढ़ाई या चोट लगने की चिंता होगी लेकिन नहीं, बात ये नहीं थी.उनकी मां ने रोते हुए कहा कि तू बॉक्सिंग करेगी तो तूझसे शादी कौन करेगा। इस पर निकहत ने उन्हें समझाते हुए कहा कि अम्मी,टेंशन ना लो,जब नाम होगा तो दूल्हों की लाइन लग जाएगी। निकहत जरीन ने बातचीत के दौरान मैच में महिला मुक्केबाजों के हिजाब पहनने को लेकर भी अपनी बात रखी।

चर्चा के दौरान जब उनसे पूछा गया कि आपकी बायोपिक बनाने के लिए आप किस एक्ट्रेस को अपने किरदार के लिए चुनना चाहेंगी के सवाल पर, निकहत ने कहा, ‘मैंने अब तक इस पर विचार नहीं किया है.जब मुझ पर कोई फिल्म बनेगी तब पता नहीं कौन सी अभिनेत्री सूची में शीर्ष पर होगी.अभी की बात करूं तो मैं चाहतीं हूं कि आलिया भट्ट मेरा किरदार निभाएं, क्योंकि मेरी तरह उनके गालों पर भी डिंपल पड़ते हैं.मुझे लगता है कि वह मेरे किरदार को जी सकती हैं।

 हाल ही में तेलंगाना की 26 वर्षीय बॉक्सर निकहत जरीन ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया है. निकहत ने 52 किग्रा. कैटेगरी में थाईलैंड की जिटपॉन्ग जुटामस को 5-0 से शिकस्त दी. भारत की ओर से वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली निकहत पांचवीं महिला बॉक्सर हैं. इससे पहले लेखा केसी, जेनी आरएल, सरिता देवी और एमसी मैरीकॉम भारत के लिए बतौर महिला बॉक्सर गोल्ड मेडल ला चुकी हैं

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