हिंदू देवी-देवताओं के अपमान को लेकर एक और विवाद खड़ा हो गया है. फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई की डॉक्यूमेंट्री फिल्म के पोस्टर पर सिगरेट पीती देवी काली जैसी दिख रही एक फोटो पर लोगों ने आपत्ति जताई है. मणिमेकलाई के खिलाफ़ शिकायत भी दर्ज हुई है. एक तमिल समाचार पोर्टल के मुताबिक, फिल्म मणिमेकलाई का विषय शाम की घटनाओं के ईद-गिर्द घूमता है. जब देवी काली प्रकट होती हैं और टोरंटो की सड़कों पर टहलती हैं.
सोशल मीडिया पर काफी हंगामे के बाद दिल्ली के वकील विनीत जिंदल ने सोमवार को लीना मणिमेकलाई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. लीना ने 2 जुलाई को अपनी फिल्म का पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया था.
Super thrilled to share the launch of my recent film – today at @AgaKhanMuseum as part of its “Rhythms of Canada”
Link: https://t.co/RAQimMt7LnI made this performance doc as a cohort of https://t.co/D5ywx1Y7Wu@YorkuAMPD @TorontoMet @YorkUFGS
Feeling pumped with my CREW❤️ pic.twitter.com/L8LDDnctC9
— Leena Manimekalai (@LeenaManimekali) July 2, 2022
पोस्टर शेयर होने के तुरंत बाद ही ट्विटर पर लोगों ने निर्देशक और पोस्टर को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की. एक यूजर ने लिखा, “हर दिन हिंदू धर्म का मजाक उड़ाया जाता है, क्या सरकार हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही है?” “देवी काली का यह तस्वीर पूरी तरह से अस्वीकार्य है. हम क्षत्रिय भक्त देवी उपासक और शाक्त परंपरा के अनुयायी हैं. धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से इस तरह के बेशर्म प्रयास नहीं होने चाहिए.”
वहीं शिकायत दर्ज कराने वाले वकील के हवाले से IANS ने कहा “निर्देशक ने देवी काली को धूम्रपान करते हुए दिखाकर मेरी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, जो बेहद आपत्तिजनक है और किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है.” इसके अलावा उन्होंने निर्देशक के खिलाफ तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हिंदू देवी के संदर्भ में इस तरह की निंदनीय तस्वीर अत्यंत अपमानजनक, अत्याचारी और हिंदू समुदाय की भावनाओं और विश्वास को आहत करने वाली है.
दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में दर्ज की गई उनकी शिकायत में लिखा है: “यह जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य है, जिसका उद्देश्य आरोपी द्वारा अपने ट्विटर अकाउंट से अत्यधिक आपत्तिजनक वीडियो और फोटो के माध्यम से हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है. इसे सोशल मीडिया और सभी सार्वजनिक प्लेटफ़ॉर्म पर अच्छी तरह से प्रसारित किया गया है. यह धारा 295A, 298, 505 के तहत अपराध है. 67 आईटी अधिनियम और 34 आईपीसी धारा के अंतर्गत आरोपी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.”
वकील ने यह भी कहा कि आपत्तिजनक वीडियो क्लिप और फोटो इंटरनेट से तत्काल आधार पर हटा दी जानी चाहिए क्योंकि इससे हिंदुओं को नुकसान होगा. इससे एक विशेष समुदाय की धार्मिक मान्यताओं को ठेस पहुंची है. इसके अलावा और भी कई संगठनों ने इसका विरोध किया है और कार्रवाई की मांग की है.
[डिसक्लेमर: यह न्यूज सोशल मीडिया वेबसाइट से मिली जानकारियों के आधार पर बनाई गई है. Filaska.com अपनी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं करता है.]