फिटनेस फ्रिक होना एक शौक है. लेकिन, जो शौक भी पालते हैं, बढ़ती उम्र के साथ वे भी एक्सरसाइज छोड़ देते हैं. लेकिन, 72 साल के ए. अरोकियास्वामी जैसे बिरले ही होते हैं जो उम्र को सिर्फ एक नंबर समझते हैं और फिटनेस के लिए हमेशा एक्सरसाइज करते रहते हैं. अरोकियास्वामी मलेशियाई बॉडी बिल्डर हैं. वह एक चैंपियन की तरह रोज कसरत करते हैं. उनका मानना है कि वर्कआउट से ही वह हेल्दी रहते हैं और इस कोरोना काल में कोरोना से बचाव भी कर पा रहे हैं. वह एक सिक्योरिटी गार्ड की जॉब करते हैं.
कैसे हुई बॉडी बिल्डिंग की शुरुआत?
अरोक्यासामी स्कूल छोड़ने के बाद बॉडी बिल्डिंग की दुनिया में क़दम रखा. साल 1968 में उन्हें पहली सफ़लता मिली थी. इस दौरान उन्होंने अपने गांव की एक ‘बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता’ में स्वर्ण पदक जीता. इसके बाद उन्होंने देश विदेश के साथ ही ‘मिस्टर यूनिवर्स’ के कई एडिशन्स में मलेशिया का प्रतिनिधित्व किया. सन 1981 में फिलीपींस के दक्षिण-पूर्व एशियाई खेलों में उन्होंने ‘गोल्ड मेडल’ जीता था.
वह कहते हैं कि स्कूल छोड़ने के बाद से ही वह बॉडी बिल्डिंग की दुनिया में कदम रख लिए. मिस्टर यूनिवर्स के कई एडिशन्स में मलेशिया का प्रतिनिधित्व किए. साल 1981 में फिलीपींस के दक्षिण पूर्व एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीते. 9 बच्चों के पिता और 5 बच्चों के दादा अरोकियास्वामी पूर्व मिस्टर यूनिवर्स आर्नोल्ड श्र्वार्जेगर को हीरो मानते हैं. उनका मानना है कि वेटलिफ्टिंग और कसरत उम्र बढ़ने की रफ्तार को धीमी कर देती है.
वह कहते हैं, 11 साल के थे तो पढ़ाई छोड़ी दी और गरीब परिवार को आर्थिक मदद करने लगे. बाद में वे हॉकी, फुटबॉल और बेडमिंटन खेलने लगे. इसके बाद वह आग के लिए लकड़ियां काटने लगे तो उन्हें लगा कि वह बॉडी बिल्डिंग कर सकते हैं. इसके बाज जिम जाने लगे और एक्सरसाइज शुरू कर दी.